ओएनजीसी द्वारा वरिष्ठ कवि ‘साकेती’ सहित तीन कवि सम्मानित

देहरादून (समीक्षा ब्यूरो)। ओएनजीसी द्वारा विश्व हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में साहित्य सम्मान समारोह एवं संगोष्ठी का आयोजन ग्रीन हिल्स प्रांगण, तेल भवन में आयोजित किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता ओएनजीसी की कार्यकारी निदेशक-प्रधान निगमित प्रशासन प्रीता पन्त व्यास ने की तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कवि डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र उपस्थित थे। इस सम्मान समारोह कार्यक्रम का प्रारंभिक संचालन श्री सुनील कुमार तथा साहित्यिक कार्यक्रम का संचालन रजनीश त्रिवेदी द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य उदयानंद सेमवाल के स्वस्ति वाचन तथा अरविंद मेहता तथा उनके दल द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ। इस अवसर पर 10 कलाकारों द्वारा एक साथ सितारवादन कर कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की गई । महाप्रबंधक राजभाषा रामराज द्विवेदी द्वारा अपने संबोधन में 102 देशों के 144 करोड़ लोगों द्वारा हिन्दी जानने की जानकारी दी गई । श्री द्विवेदी ने बताया कि पूरे विश्व के 19 प्रतिशत लोग हिन्दी से परिचित हैं। दूसरे क्रम पर चीनी भाषा तथा अंग्रेजी तीसरे नंबर पर है। श्री द्विवेदी के अनुसार पिछले पांच वर्षों में हिन्दी के जानकारों में 300 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। इस अवसर पर साहित्यकार डॉ. विद्या सिंह, कथाकार कुसुम भट्ट, कवि राम प्रताप मिश्र ‘साकेती’ तथा कवयित्री डॉ. बसन्ती मठपाल का परिचय देते हुए उनको शाॅल, पुस्तक, शील्ड, सम्मान पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। अपने सम्मान के अवसर पर गीतकार राम प्रताप मिश्र ‘साकेती’ ने अपनी चिर-परिचित रचना ‘लहरों की करुण कथा सुनकर, अधरों की मौन व्यथा सुनकर, शायद गूँगा मन बोल पड़े’ के माध्यंम से रचनाधर्मिता का निर्वहन किया।



इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए विशिष्ट अतिथि डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र ने विश्व में हिन्दी दिवस की सार्थकता तथा उसके प्रभावकारी पक्ष पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि हिन्दीे के संवर्धन में प्रवासी भारतीयों का विशेष योगदान है। डॉ. मिश्र ने कहा कि हम सब अंग्रेजी के गवाक्ष से निकले तो हिन्दी का विशाल साम्राज्य दिखायी देता है। डॉ. मिश्र ने अपनी रचना ‘जय होगी, निश्चय जय होगी’ के माध्यम से लोगों को मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्रीमती प्रीता पन्त व्यास द्वारा हिन्दी क्षेत्र में ओएनजीसी द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर विभागीय पत्रिका “सहस्त्रधारा” का विमोचन भी किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन मधुलिका श्रीवास्तव द्वारा किया गया ।
इस अवसर पर अपनी प्रस्तु्ति देने वाले कलाकार बालकृष्ण धस्माना, गिरीश चन्द्र, रोहित, गीता धामी, अलका, आशा नेगी आदि को श्रीमती प्रीता पन्त व्यास द्वारा सम्मानित किया गया।